रात गुज़री फिर महकती सुबह है आई,
दिल धड़का फिर आपकी याद है आई,
आँखों ने महसूस किया है उस हवा को,
जो आपको छू कर है हमारे पास आई।
©Dil galti kr baitha h
रात गुज़री फिर महकती सुबह है आई,
दिल धड़का फिर आपकी याद है आई,
आँखों ने महसूस किया है उस हवा को,
जो आपको छू कर है हमारे पास आई।