White खुशी और ग़म में जब से बगावत हो गई है,
कभी रोने कभी मुस्कराने की आदत हो गई है,,
छोड़ दिया साथ जब से साकी ने,
जाते नहीं मयखाने घर बैठ कर ही पीने की आदत हो गई है,
रहता नहीं होश खो गये हैं हम इस कदर,
कि खुद से ही खुद के घर का पता पूछने की आदत हो गईं है,,,,
रिम्मी बेदी नज़र
©NAZAR
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