माना उनकी भी कोई मजबूरी होगी जो उन्होंने हमसे डाली | हिंदी शायरी

"माना उनकी भी कोई मजबूरी होगी जो उन्होंने हमसे डाली दूरी होगी दूरी तो डाली पर बात ऐसी कर डाली अकसर याद कर रो बैठते हैं आ जाती है रात जब यह काली। काश कोई ऐसी मजबूरी ना होती हमसे यू उनकी दूरी ना होती। खुद को वो बेवफा और हमें वफादार कह गए हमारे दिल के सारे जज्बात आंसुओं में बह गए चले तो गए वह हमारी जिंदगी से हमेशा के लिए पर कुछ बातों की वजह से वह सदा के लिए हमारे दिल में रह गए। #heart talks# "

 माना उनकी भी कोई मजबूरी होगी
जो उन्होंने हमसे डाली दूरी होगी
दूरी तो डाली पर बात ऐसी कर डाली
अकसर याद कर रो बैठते हैं 
आ जाती है रात जब यह काली।
काश कोई ऐसी मजबूरी ना होती
हमसे यू उनकी दूरी ना होती।
खुद को वो बेवफा और हमें वफादार कह गए
हमारे दिल के सारे जज्बात आंसुओं में बह गए
चले तो गए वह हमारी जिंदगी से हमेशा के लिए
पर कुछ बातों की वजह से वह सदा के 
लिए हमारे दिल में रह गए।
#heart talks#

माना उनकी भी कोई मजबूरी होगी जो उन्होंने हमसे डाली दूरी होगी दूरी तो डाली पर बात ऐसी कर डाली अकसर याद कर रो बैठते हैं आ जाती है रात जब यह काली। काश कोई ऐसी मजबूरी ना होती हमसे यू उनकी दूरी ना होती। खुद को वो बेवफा और हमें वफादार कह गए हमारे दिल के सारे जज्बात आंसुओं में बह गए चले तो गए वह हमारी जिंदगी से हमेशा के लिए पर कुछ बातों की वजह से वह सदा के लिए हमारे दिल में रह गए। #heart talks#

#HeartTalks #GURNAINSINGH
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