तेरी ख्वाइश ने तुझे बेसरो-सामान किया।
मरजे-इस्यां ने तुझे गम से फिर दो-चार किया।।
किसको माअलूम था कब आखरी सांसे होगी।
आखरी पहर ने आकर के ख़बरदार किया।।
सुकून-ओ-लज़्ज़ते काफ़ी थी फक्र में तेरे।
फ़रेबो हिर्स ने फिर तुझको शर्मशार किया।।
दिखाना किसको था थोड़े में ही गुजर होती।
नुमाइशो की जद ने तुझको कर्ज़दार किया।।
खुशबू मिल जाती तुझे इत्र फरोशों के यहाँ।
तेरी फूलो की हसरतों ने तुझे ख़ार किया।।
©AhMeD RaZa QurEsHi
Part-1
#नतीजा...
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@MiyA
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