मैं कुछ अधूरा फसाना लिए फिरता हूं, मै अपने ख्वाबो | हिंदी कविता

"मैं कुछ अधूरा फसाना लिए फिरता हूं, मै अपने ख्वाबों में ज़माना लिए फिरता हूं... मेरी जान जो बता गम मेरे तो मोहब्बत के नशे में डूब जाओगी, मैं अपने लफ्जों में सदा इश्क का मयखाना लिए फिरता हूं... ©Prarabdh Pathak"

 मैं कुछ अधूरा फसाना लिए फिरता हूं,

मै अपने ख्वाबों में ज़माना लिए फिरता हूं...

मेरी जान जो बता गम मेरे तो मोहब्बत के नशे में डूब जाओगी,

मैं अपने लफ्जों में सदा इश्क का मयखाना लिए फिरता हूं...

©Prarabdh Pathak

मैं कुछ अधूरा फसाना लिए फिरता हूं, मै अपने ख्वाबों में ज़माना लिए फिरता हूं... मेरी जान जो बता गम मेरे तो मोहब्बत के नशे में डूब जाओगी, मैं अपने लफ्जों में सदा इश्क का मयखाना लिए फिरता हूं... ©Prarabdh Pathak

mere gum

#apart

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