ग़ज़ल "भूखे को भूखा छोड़के नेताओं की मदद।" नुकसा | हिंदी शाय

"ग़ज़ल "भूखे को भूखा छोड़के नेताओं की मदद।" नुकसान से भी बढ़के, ये नुकसान हो गया। शैतान जैसा आज का, इंसान हो गया।। सादा मिजाज़ शख़्स पे, करता था रोज़ तंज़। उंगली उठी जो खुद पे, परेशान हो गया।। शादी में देख-देख के इतने रिवाज़ो रस्म। इंसानियत का नाम, पशेमान हो गया।। भूखे को भूखा छोड़के नेताओं की मदद। ये दान आप बोलिए क्या दान हो गया।। "ज्ञानेश", अपने जिस्म की, करना नुमाइशें। अफसोस ये रिवाज़ भी, अब शान हो गया।। ग़ज़लकार ज्ञानेश्वर आनन्द "ज्ञानेश" राजस्व एवं कर निरीक्षक किरतपुर (बिजनौर) सम्पर्क सूत्र- 9719677533 Email id- gyaneshwar533@gmail.com ©Gyaneshwar Anand"

 ग़ज़ल
 "भूखे को भूखा छोड़के नेताओं की मदद।"

नुकसान से भी बढ़के, ये नुकसान हो गया।
शैतान जैसा आज का, इंसान हो गया।।

सादा मिजाज़ शख़्स पे, करता था रोज़ तंज़।
उंगली उठी जो खुद पे, परेशान हो गया।।

शादी में देख-देख के इतने रिवाज़ो रस्म।
इंसानियत का नाम,  पशेमान हो गया।।

भूखे को भूखा छोड़के नेताओं की मदद।
ये दान आप बोलिए क्या दान हो गया।।

"ज्ञानेश", अपने जिस्म की, करना नुमाइशें।
अफसोस ये रिवाज़ भी, अब शान हो गया।।

       ग़ज़लकार
ज्ञानेश्वर आनन्द "ज्ञानेश"
राजस्व एवं कर निरीक्षक
किरतपुर (बिजनौर)
सम्पर्क सूत्र- 9719677533
Email id- gyaneshwar533@gmail.com

©Gyaneshwar Anand

ग़ज़ल "भूखे को भूखा छोड़के नेताओं की मदद।" नुकसान से भी बढ़के, ये नुकसान हो गया। शैतान जैसा आज का, इंसान हो गया।। सादा मिजाज़ शख़्स पे, करता था रोज़ तंज़। उंगली उठी जो खुद पे, परेशान हो गया।। शादी में देख-देख के इतने रिवाज़ो रस्म। इंसानियत का नाम, पशेमान हो गया।। भूखे को भूखा छोड़के नेताओं की मदद। ये दान आप बोलिए क्या दान हो गया।। "ज्ञानेश", अपने जिस्म की, करना नुमाइशें। अफसोस ये रिवाज़ भी, अब शान हो गया।। ग़ज़लकार ज्ञानेश्वर आनन्द "ज्ञानेश" राजस्व एवं कर निरीक्षक किरतपुर (बिजनौर) सम्पर्क सूत्र- 9719677533 Email id- gyaneshwar533@gmail.com ©Gyaneshwar Anand

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