आख़िरी वार | Live Video | Live Show | Online Event | हिंदी Poetry

आख़िरी वार

Tuesday, 7 February | 05:05 pm

Price: ₹0.00

Expired

उजाड़ से लगा चुका उमीद मैं बहार की,
निदाघ से उमीद की बसंत के बयार की,

इसीलिए खड़ा रहा कि तुम मुझे पुकार लो!
पुकार कर दुलार लो, दुलार कर सुधार लो!

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