White इक वक्त के बिछड़े दिलों की दास्तान
के पन्ने, न जाने कब से बर्फ की परत में ढके थे।
बह बह के आंसुओं का जम गया था समंदर,
खुली हवा में, आहिस्ता आहिस्ता पिघल रहे हैं।
टूटा है पहाड़ गलत फहमी का, मुद्दत के बाद
आज फिर से, पुरानी यादों के अलाव जल रहे हैं।
©Anuj Ray
# यादों के अलाव जल रहे हैं"