White .मुझसे नहीं पूछा गया
क्या बनना चाहते हो?
बस बना दिया गया मनुष्य
जबकि बनाया नहीं जा सकता
किसी को मनुष्
यदि पूछी जाती मेरी इक्षा
तो मैं वह ज़िद बनना चाहता
जो कोई बच्चा सड़क के आवारा कुत्ते को
पालने के लिए करता है
या वह बहाना जो कोई लड़की
देर से घर आने पर बनाती है
मैं चिड़िया के चोंच में दबा
तिनका बनना चाहता था
या बरसात की काग़ज़ वाली नाव
या किसी बूढ़े आदमी की याद्दाश्त
या अपनी माँ की आँखों में सोया हुआ पानी
या अपनी प्रेमिका की चुप्पी
या अपने पिता के पाँव की बिवाई
और अगर ये सब कुछ न संभव हो पाता बनना
तो आसमान का वह तारा ही बन जाता
जो हर रात टूटता है
और लोग आँखें बंद करके
कभी न पूर्ण होने वाली अपनी इच्छाएँ बुदबुदाते हैं
पर अफ़सोस पूछा ही नहीं गया मुझसे
क्या बनना चाहते हो?
_अनुराग अनंत
©zindagi with Neha
इक्षा.... अनुराग अनंत