गीता-सार ★ क्यों व्यर्थ की चिन्ता करते हो? किससे व | हिंदी Bhakti

"गीता-सार ★ क्यों व्यर्थ की चिन्ता करते हो? किससे व्यर्थ डरते हो? कौन तुम्हें मार सकता है? आत्मा न पैदा होती है, न मरती है। ©Vk Virendra"

 गीता-सार
★ क्यों व्यर्थ की चिन्ता करते हो? किससे व्यर्थ डरते हो? कौन तुम्हें मार सकता है? आत्मा न पैदा होती है, न मरती है।

©Vk Virendra

गीता-सार ★ क्यों व्यर्थ की चिन्ता करते हो? किससे व्यर्थ डरते हो? कौन तुम्हें मार सकता है? आत्मा न पैदा होती है, न मरती है। ©Vk Virendra

गीता सार #कान्हा

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