कुछ ख्वाब टूटने लगे हैं कुछ दीए बुझने लगे हैं सारी | हिंदी Shayari Vid

"कुछ ख्वाब टूटने लगे हैं कुछ दीए बुझने लगे हैं सारी रात यूं ही बैठे सोचता क्यों सारे रिश्ते बिखरने लगे हैं ।। ©Karunakar Mohanta "

कुछ ख्वाब टूटने लगे हैं कुछ दीए बुझने लगे हैं सारी रात यूं ही बैठे सोचता क्यों सारे रिश्ते बिखरने लगे हैं ।। ©Karunakar Mohanta

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