मंद मंद मुस्कान तुम्हारी
झील सी आँखों में गहराई II
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जुल्फें घनी और, कपोल सुनहरे
हुस्न परी ज्यों आसमां से आई
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रूह में तपन, लब पे मधुशाला
चंचल चारु सी शीतलता छाई II
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©Kuldeep Dahiya "मरजाणा दीप"
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