"आज नहीं तो कल"
मुद्दतों से छलती आई किस्मत कभी साथ तेरा भी निभाएगी आज नहीं तो कल।
है मौसम शिशिर का उदास मत हो इन्हीं शाखों पर बसंत भी आएगी आज नहीं तो कल।
पंख नहीं तो क्या हुआ उड़ने की तू कोशिश कर उड़ान तेरी भी भर जाएगी आज नहीं तो कल।
है यकीन संघर्षों के समरांगण में विजय पताका तेरी भी लहरायेगी आज नहीं तो कल।
#दर्शनठाकुर