उड़ता हूं आसमां में , पांव मेरे जमी पर हैं ख्वाब | हिंदी कविता Video

"उड़ता हूं आसमां में , पांव मेरे जमी पर हैं ख्वाब मेरे भी हसीन हैं, मंजिल मेरे कदमों पर,। चल सका जो मैं अपने पथ पर, कौन क्या मुझे अब रोक सकेगा, हवा पानी से टकराने का जज्बा मेरा, अब मंजिल सर पहले कौन मुझे रोक सकेगा ।। ©Dayal "दीप, Goswami.. "

उड़ता हूं आसमां में , पांव मेरे जमी पर हैं ख्वाब मेरे भी हसीन हैं, मंजिल मेरे कदमों पर,। चल सका जो मैं अपने पथ पर, कौन क्या मुझे अब रोक सकेगा, हवा पानी से टकराने का जज्बा मेरा, अब मंजिल सर पहले कौन मुझे रोक सकेगा ।। ©Dayal "दीप, Goswami..

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