कहाँ पे शेर कहा और कहाँ पे दुख अपना ये एक शख़्स के | हिंदी शायरी

"कहाँ पे शेर कहा और कहाँ पे दुख अपना ये एक शख़्स के सिवा कोई नहीं समझा Kavi Vikash Shukla . ©Kavi Vikash Shukla"

 कहाँ पे शेर कहा और कहाँ पे दुख अपना
ये एक शख़्स के सिवा कोई नहीं समझा

Kavi Vikash Shukla














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©Kavi Vikash Shukla

कहाँ पे शेर कहा और कहाँ पे दुख अपना ये एक शख़्स के सिवा कोई नहीं समझा Kavi Vikash Shukla . ©Kavi Vikash Shukla

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