जो हाल ए दिल इधर रहा है,
क्या, उसका भी हुआ होगा ?
न जाने कैसे गुजरा ? हर लम्हा !
इससे जुड़ा, '' दर्द का साया'' है ।
दिन के प्रहर तो यादों में गुजर गये ,
रजनी उसके ख़्वाब ले आई,
रात्रि में मिला, मुझसे उसका साया है ।
ख्वाबों में ,अपने आप को पाया है ,
ना जाने क्यों मन मेरा भरमाया है ?
दूर है ,वो करीब नहीं ,
बढ़ता गया क्यों ?यह दर्द का साया है ।
©Laxmi Tyagi
#Tulips
# दर्द का साया