ये रातें इतनी काली क्यूँ हैं
ये बातें इतनी बाकी क्यूँ हैं
जिंदगी के इस मोड पर ये कदम डगमगाए क्यूँ हैं
अकेलेे चलते चलते हमसफर की चाहत क्यूँ हैं
क्यूँ मन मै बैठा कुछ खोने का डर है
क्यूँ आँखों मैं नमी और सांसों मैं अर्चन है
ऐसे कितने क्यूँ मन मै समाए क्यूँ हैं
ये रातें इतनी काली क्यूँ हैं
©connoisseur
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#brokenheart