"मोहब्बत भी मेरी थी
सवाल भी मुझपर ही उठाए गए ,
ना तो मिली वो मोहब्बत मुझे
दूजा मज़ाक भी मेरी ही आशिकी के बनाए गए , दोस्त भी ना समझ पाए मेरे उन जज्बातो को
भरी महफ़िल मे उधेड़ गए मेरे प्यार को,
फिर किस बात का करू मे विश्वास किसी पर
जब सभी ने ही अपने काले चेहरे दिखा दिए ।
©theinsightwriter
"