White मंजिल दूर थी और मैं तन्हा वक्त की बूंदें बरस | हिंदी कविता Video

"White मंजिल दूर थी और मैं तन्हा वक्त की बूंदें बरस रही बेपनाह कोई था नहीं कहने को अपना यथार्थ कटु था और मधुर सपना मन चाह रहा था बिखरना जैसे सब खो के कुछ पाना जो सामने था समझ सके ना गाए जा रही जिंदगी तराना मधुर हो या कटु हर हाल था जीना सीखा दे वक्त मुझे उधड़े ज़ख्म सीना ।। ©NC "

White मंजिल दूर थी और मैं तन्हा वक्त की बूंदें बरस रही बेपनाह कोई था नहीं कहने को अपना यथार्थ कटु था और मधुर सपना मन चाह रहा था बिखरना जैसे सब खो के कुछ पाना जो सामने था समझ सके ना गाए जा रही जिंदगी तराना मधुर हो या कटु हर हाल था जीना सीखा दे वक्त मुझे उधड़े ज़ख्म सीना ।। ©NC

#sad_shayari #life कविता कोश प्रेरणादायी कविता हिंदी

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