कि, मैं मानता हूँ की अब वो दौर बदल गए, तेरे मोहल्ल | हिंदी Shayari

"कि, मैं मानता हूँ की अब वो दौर बदल गए, तेरे मोहल्ले में मेरे साइकिल की घंटी के शोर बदल गए! __प्रेम __निराला __ ©Prem Nirala"

 कि, मैं मानता हूँ की अब वो दौर बदल गए,
तेरे मोहल्ले में मेरे साइकिल की घंटी के शोर बदल गए!


__प्रेम __निराला __

©Prem Nirala

कि, मैं मानता हूँ की अब वो दौर बदल गए, तेरे मोहल्ले में मेरे साइकिल की घंटी के शोर बदल गए! __प्रेम __निराला __ ©Prem Nirala

कि, मैं मानता हूँ की अब वो दौर बदल गए,
तेरे मोहल्ले में मेरे साइकिल की घंटी के शोर बदल गए!
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__प्रेम __निराला __

#standout

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