White ज्ञान
ज्ञान चहुओर बिखरा पड़ा हे
बस समेटना हमें हे
प्रकृति मे ऐसा कुछ भी नहीं
जिससे हम कुछ ज्ञान अर्जित
नहीं करते हे
रज का कंड-कंड ज्ञान का
भंडार हे
ज्ञान किसी का बंधक या
गुलाम भी नहीं हे
ज्ञान एक स्वतंत्र आकाश गंगा हे
जो निरंतर प्रवाहित होती हे
प्रकृति के दोष रूपी विष को
अपने साथ बहा ले जाती हे
15:06:2024
©शीतल चौधरी(मेरे शब्द संकलन )
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