तू मेरा है
तेरे मन में छुपे हुए सब दुख मेरे हैं
तेरी आँख के आँसू मेरे
तेरे लबों पे नाचने वाली ये मासूम हँसी भी मेरी
तू मेरा है
हर वो झोंका
जिस के लम्स को
अपने जिस्म पे तू ने भी महसूस किया है
पहले मेरे हाथों को
छू कर गुज़रा था
तेरे घर के दरवाज़े पर
दस्तक देने वाला
हर वो लम्हा जिस में
तुझ को अपनी तन्हाई का
शिद्दत से एहसास हुआ था
पहले मेरे घर आया था
तू मेरा है
तेरा माज़ी भी मेरा था
आने वाली हर साअ'त भी मेरी होगी
तेरे तपते आरिज़ की दोपहर है मेरी
शाम की तरह गहरे गहरे ये पलकों साए हैं मेरे
तेरे सियाह बालों की शब से धूप की सूरत
वो सुब्हें जो कल जागेंगी
मेरी होंगी
तू मेरा है
लेकिन तेरे सपनों में भी आते हुए ये डर लगता है
मुझ से कहीं तू पूछ न बैठे
क्यूँ आए हो
मेरा तुम से क्या नाता है
©Jashvant
#Gulaab# तू मेरा है @Ek Alfaaz Shayri @vineetapanchal @narendra bhakuni @Anshu writer @Rakesh Srivastava