पल्लव की डायरी व्यवस्था ही जब वेवशी की हो अराजकता | हिंदी कविता Video

"पल्लव की डायरी व्यवस्था ही जब वेवशी की हो अराजकता की भेंट जिंदगी चढ़ी हो नारो में ही विकास की पतंग उड़ी हो हकीकत जमी पर देखो सबके मन मे चिंता कल के जीने की लगी हो किस करवट बैठेगा अब लोकतंत्र लूट की छूट सियासतों को मिली हो समर चुनावी भी उनके इर्दगिर्द घूम रहा है भय और डर में बनी हुयी संस्थाये थोक में वोट और उम्मीदवार चुराकर जनता का सब्र अब टूट रहा है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" "

पल्लव की डायरी व्यवस्था ही जब वेवशी की हो अराजकता की भेंट जिंदगी चढ़ी हो नारो में ही विकास की पतंग उड़ी हो हकीकत जमी पर देखो सबके मन मे चिंता कल के जीने की लगी हो किस करवट बैठेगा अब लोकतंत्र लूट की छूट सियासतों को मिली हो समर चुनावी भी उनके इर्दगिर्द घूम रहा है भय और डर में बनी हुयी संस्थाये थोक में वोट और उम्मीदवार चुराकर जनता का सब्र अब टूट रहा है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#againstthetide थोक में वोट और उम्मीदवार चुराकर,सब्र जनता का टूट रहा है
#nojotohindi

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