माथे मोर मुकुट सोहे हाथ में रहे बांसुरी मटकी तोड़ च | हिंदी Shayari

"माथे मोर मुकुट सोहे हाथ में रहे बांसुरी मटकी तोड़ चुराए माखन ऐसो है मेरे मुरारी श्याम वरण से मन मोहे नयन उनकी है प्यारी गोपियों संग रास रचाए ऐसो है मेरे गिरधारी ©Amateur_Writer"

 माथे मोर मुकुट सोहे
हाथ में रहे बांसुरी
मटकी तोड़ चुराए माखन
ऐसो है मेरे मुरारी

श्याम वरण से मन मोहे
नयन उनकी है प्यारी
गोपियों संग रास रचाए
ऐसो है मेरे गिरधारी

©Amateur_Writer

माथे मोर मुकुट सोहे हाथ में रहे बांसुरी मटकी तोड़ चुराए माखन ऐसो है मेरे मुरारी श्याम वरण से मन मोहे नयन उनकी है प्यारी गोपियों संग रास रचाए ऐसो है मेरे गिरधारी ©Amateur_Writer

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