ये क्या जिद है कि जिससे प्यार किया उसे पाना भी है, क्या तुम इतना भी नहीं जानते कि पाना ही प्यार का पाना पूरन विराम है, ये क्या बचपन है कि जो गीत दिल में उठा उसको होठों से गाना भी है, क्या तुम इतना भी नहीं समझते आत्मा का गीत गुमनाम है, ये क्या नादानी है कि किसी को अपना बना के रखोगे समय वो नदी है जिसमें कोई साथ नहीं, तुम भी अकेले ही बहोगे, इसका मतलब ये नहीं कि तुम प्यार मत करना, प्यार करना ताकि ये जिंदगी जीने के काबिल बन जाए, प्यार करना ताकि सीने में रखा हुआ पत्थर धड़क उठे पत्थर दिल बन जाए, प्यार करना ताकि इंसान होने की शर्त पूरी कर सको,प्यार करना ताकि अधूरेपन से भरी हुई ईस दुनिया मैं तुम पूर्णता के साथ मर सको,
©Naresh Prajapati
The journey of Love