ना मैं किसी के शब्दों से आहत होता हूँ। ना किसी की | हिंदी विचार

"ना मैं किसी के शब्दों से आहत होता हूँ। ना किसी की मूर्ति तोड़ने से आहत होता हूँ। मैं नास्तिक हूँ बस मेरा कसूर इतना है, जब इंसानियत मरती है तो मैं आहत होता हूँ।। ©Ashok Nanda"

 ना मैं किसी के शब्दों 
से आहत होता हूँ।
ना किसी की मूर्ति तोड़ने 
से आहत होता हूँ।
मैं नास्तिक हूँ
बस मेरा कसूर इतना है,
जब इंसानियत मरती है 
तो मैं आहत होता हूँ।।

©Ashok Nanda

ना मैं किसी के शब्दों से आहत होता हूँ। ना किसी की मूर्ति तोड़ने से आहत होता हूँ। मैं नास्तिक हूँ बस मेरा कसूर इतना है, जब इंसानियत मरती है तो मैं आहत होता हूँ।। ©Ashok Nanda

मैं नास्तिक हूँ....
#nastik #nastik_thought

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