तुम भी हो, मैं भी हूँ, ज़ुस्तजू भी है धुंधली यादों, | English Video

"तुम भी हो, मैं भी हूँ, ज़ुस्तजू भी है धुंधली यादों, के इस मकां में, कुछ आरज़ू भी हैं दरम्यां, कुछ भी गर ना हों, मुमकिन पलटते हुए सफ़हों में, गर न हो, कुछ हासिल कोड़े कागज़ पे, इक़ नज़्म पिरोना, यूँही यादों की लौ को, जलाना, यूँही मैं लौट आऊंगा, इक रूबाई बनकर शेर कह जाऊंगा, तुम्हारी तनहाई बनकर। आपका ~ विवेक आनंद"

तुम भी हो, मैं भी हूँ, ज़ुस्तजू भी है धुंधली यादों, के इस मकां में, कुछ आरज़ू भी हैं दरम्यां, कुछ भी गर ना हों, मुमकिन पलटते हुए सफ़हों में, गर न हो, कुछ हासिल कोड़े कागज़ पे, इक़ नज़्म पिरोना, यूँही यादों की लौ को, जलाना, यूँही मैं लौट आऊंगा, इक रूबाई बनकर शेर कह जाऊंगा, तुम्हारी तनहाई बनकर। आपका ~ विवेक आनंद

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