कैसी है ये दुनिया जहां कठोर रहना था वहां पिघल जाते है लोग।
जो रिश्ता सिर्फ विश्वास पर टिका हुआ था उसमें बदल जाते लोग।।
हैं वो सबसे बड़े शुभचिंतक हरकतों से अपने जताते है लोग।
आपके जीवन के कष्टों को देख कर मंद मंद मुस्कुराते है लोग।।
जब आप खुशियों से भरे हो तो झूठी सहानुभूति दिखाते है लोग।
जैसे ही दुख चौतरफा घेरता है क्षण भर में ही बदल जाते है लोग।।
©Awnish Kumar Mishra babaji
#lonelynight #कविता #पूर्ण #poem