"यदि स्वर्ग कहीं है पृथ्वी पर,
तो वह नारी उर के भीतर,
दल पर दल खोल हृदय के अस्तर
जब बिठलाती प्रसन्न होकर
वह अमर प्रणय के शतदल पर!
मादकता जग में कहीं अगर,
वह नारी अधरों में सुखकर,
क्षण में प्राणों की पीड़ा हर,
नव जीवन का दे सकती वर
वह अधरों पर धर मदिराधर।"¹
©HintsOfHeart.
#सुमित्रानंदन_पंत #good_night 💖
1. सुमित्रानंदन पंत की कविता 'स्त्री' का अंश।