मेरी सारी हसीं ले जाओ...
अब मुझे ये गम के आलम ज्यादा अज़ीज़ है...!!
मेरी बातों की गहराई ले जाओ...
अब मुझे ये खामोशी ज्यादा अज़ीज़ है...!!
कभी तन्हा बैठो तो क्या गम करना के वो अब साथ नहीं...
यहां नुक्तों के फेर से खुदा भी जुदा हो जाया करते हैं...!!
मेरी शामें भी ले जाओ...
अब मुझे ये तन्हा राहें ज्यादा अज़ीज़ है...!!
वो जो मुझमें धड़कते हो तुम , खुद को ले जाओ...
अब मुझे ये तुम बिन अधूरी बाहें ज्यादा अज़ीज़ है...!!
😔😔😔
©@sadiya jawed
le jao...😔