कविता दुख अपने किसी से बताए नहीं जाते, और मां से द | English Poetry Vi

"कविता दुख अपने किसी से बताए नहीं जाते, और मां से दुख अपने छुपाए नहीं जाते यहां तो सब पराए हैं ,बस मुखोटे अपनों के चढ़ाए हैं ,हमने दिल में पता नहीं कितने दुख छुपाए हैं फिर भी यह होंठ बस मुस्कुराए हैं हम तो बचपना करते हैं, अपने दुख छुपाने के लिए और कुछ लोग समझते हैं कि हम पगलाए हैं 🙏 🌹 🌹"

कविता दुख अपने किसी से बताए नहीं जाते, और मां से दुख अपने छुपाए नहीं जाते यहां तो सब पराए हैं ,बस मुखोटे अपनों के चढ़ाए हैं ,हमने दिल में पता नहीं कितने दुख छुपाए हैं फिर भी यह होंठ बस मुस्कुराए हैं हम तो बचपना करते हैं, अपने दुख छुपाने के लिए और कुछ लोग समझते हैं कि हम पगलाए हैं 🙏 🌹 🌹

#Maa❤ #love #Happiness

#MyPoetry

People who shared love close

More like this

Trending Topic