रात भर एक चांद का साया रहा वह मुझे और मैं उसे देख | हिंदी Poetry Video

"रात भर एक चांद का साया रहा वह मुझे और मैं उसे देख मुस्कराता रहा कहने को हम बस अजनबी जैसे पर रिश्ता हमारा जाना पहचाना सा रहा रात भर एक चांद का साया रहा जो तारों के भीड़ मैं भी हर रोज मुझे ढूंढता रहा पूछने को कई सवाल थे उसे पर बिन पूछे ही हर बार मुझे संभालता रहा रात भर एक चांद का साया रहा जो ना जाने कितनी जानो मे जान भरता रहा बंद अंधेरी कमरों में वो खिड़की से झांकता रहा मैं उसे वो मुझे बिन कुछ कहे बस निहारता रहा।। ©Akshita yadav "

रात भर एक चांद का साया रहा वह मुझे और मैं उसे देख मुस्कराता रहा कहने को हम बस अजनबी जैसे पर रिश्ता हमारा जाना पहचाना सा रहा रात भर एक चांद का साया रहा जो तारों के भीड़ मैं भी हर रोज मुझे ढूंढता रहा पूछने को कई सवाल थे उसे पर बिन पूछे ही हर बार मुझे संभालता रहा रात भर एक चांद का साया रहा जो ना जाने कितनी जानो मे जान भरता रहा बंद अंधेरी कमरों में वो खिड़की से झांकता रहा मैं उसे वो मुझे बिन कुछ कहे बस निहारता रहा।। ©Akshita yadav

#Moon #Love
#our_unconditional_love❤️

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