शब्द रचते , मेरी लेखनी को रोना पड़ता है , कभी कभी आ | हिंदी शायरी

"शब्द रचते , मेरी लेखनी को रोना पड़ता है , कभी कभी आंसू को भी स्याही होना पड़ता है ।।"

 शब्द रचते , मेरी लेखनी को रोना पड़ता है ,
कभी कभी आंसू को भी स्याही होना पड़ता है ।।

शब्द रचते , मेरी लेखनी को रोना पड़ता है , कभी कभी आंसू को भी स्याही होना पड़ता है ।।

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