सरहद लक्ष्मण रेखा है सरहद , हद पार नहीं करने दें

"सरहद लक्ष्मण रेखा है सरहद , हद पार नहीं करने देंगे । अपनी मातृभू की मिट्टी का , मान नहीं मिटने देंगे ।। ये भारत जो पांचजन्य का , घोष बजाकर कहता है । वंदे मातरम बोल बोल कर , युद्ध भूमि पर लड़ता है ।। जिस भारत की भूमि का , बच्चा बच्चा सेनानी है । मातृभूमि पर प्राण लुटाने , वाला वीर बलिदानी है ।। वह भारत जिसकी सरहद , हिमवंत से सागर तट तक है । अटक कटक तक की भूमि , जो भूमि कालीकट तक है ।। वह विश्व सभ्यता की जननी , रण जौहर दिखला सकती है । धूर्त पड़ोसी शत्रु देश को , पल में पिघला सकती है ।। याद रखे दुश्मन गर वह , सरहद को लांघ कर आएगा । तो इधर हिंद की भूमि का , पत्थर शोला बन जाएगा ।। उस भारत सीमांत क्षेत्र की , बेटी की आवाज सुनो । ओ दुश्मन तुम जिस पथ पर हो , चाहे जितनी बार लड़ो ।। पर अंत सत्य की जीत हुई , इतिहास हमें ये बताता है । गलवान में जिनकी तोड़ी हड्डियां , उनको सत्य सुनाता है ।। हद पार करो ना तो अच्छा , सीमा पर शांति ना डोलेगी । पर भारत मां पर दृष्टि उठाई , तो रण में बंदूकें बोलेगी ।। ...........किरन पुरोहित "हिमपुत्री""

 सरहद 

लक्ष्मण रेखा है सरहद ,
हद पार नहीं करने देंगे ।
अपनी मातृभू की मिट्टी का ,
मान नहीं मिटने देंगे ।। 

ये भारत जो पांचजन्य का ,
घोष बजाकर कहता है ।
वंदे मातरम बोल बोल कर ,
युद्ध भूमि पर लड़ता है ।। 

जिस भारत की भूमि का ,
बच्चा बच्चा सेनानी है ।
मातृभूमि पर प्राण लुटाने ,
वाला वीर बलिदानी है ।।

वह भारत जिसकी सरहद ,
हिमवंत से सागर तट तक है ।
अटक कटक तक की भूमि ,
जो भूमि कालीकट तक है ।।

                                 
वह विश्व सभ्यता की जननी ,
रण जौहर दिखला सकती है ।
धूर्त पड़ोसी शत्रु देश को ,
पल में पिघला सकती है ।।

याद रखे दुश्मन गर वह ,
सरहद को लांघ कर आएगा ।
तो इधर हिंद की भूमि का ,
पत्थर शोला बन जाएगा ।।

उस भारत सीमांत क्षेत्र की ,
बेटी की आवाज सुनो ।
ओ दुश्मन तुम जिस पथ पर हो ,
चाहे जितनी बार लड़ो ।।

पर अंत सत्य की जीत हुई ,
इतिहास हमें ये बताता है ।
गलवान में जिनकी तोड़ी हड्डियां ,
उनको सत्य सुनाता है ।। 

हद पार करो ना तो अच्छा ,
सीमा पर शांति ना डोलेगी ।
पर भारत मां पर दृष्टि उठाई ,
तो रण में बंदूकें बोलेगी ।।

...........किरन पुरोहित "हिमपुत्री"

सरहद लक्ष्मण रेखा है सरहद , हद पार नहीं करने देंगे । अपनी मातृभू की मिट्टी का , मान नहीं मिटने देंगे ।। ये भारत जो पांचजन्य का , घोष बजाकर कहता है । वंदे मातरम बोल बोल कर , युद्ध भूमि पर लड़ता है ।। जिस भारत की भूमि का , बच्चा बच्चा सेनानी है । मातृभूमि पर प्राण लुटाने , वाला वीर बलिदानी है ।। वह भारत जिसकी सरहद , हिमवंत से सागर तट तक है । अटक कटक तक की भूमि , जो भूमि कालीकट तक है ।। वह विश्व सभ्यता की जननी , रण जौहर दिखला सकती है । धूर्त पड़ोसी शत्रु देश को , पल में पिघला सकती है ।। याद रखे दुश्मन गर वह , सरहद को लांघ कर आएगा । तो इधर हिंद की भूमि का , पत्थर शोला बन जाएगा ।। उस भारत सीमांत क्षेत्र की , बेटी की आवाज सुनो । ओ दुश्मन तुम जिस पथ पर हो , चाहे जितनी बार लड़ो ।। पर अंत सत्य की जीत हुई , इतिहास हमें ये बताता है । गलवान में जिनकी तोड़ी हड्डियां , उनको सत्य सुनाता है ।। हद पार करो ना तो अच्छा , सीमा पर शांति ना डोलेगी । पर भारत मां पर दृष्टि उठाई , तो रण में बंदूकें बोलेगी ।। ...........किरन पुरोहित "हिमपुत्री"

#IndiaLoveNojoto #वंदेमातरम्

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