White मैं एक बंजर ज़मीन हु ,
उम्मीद ना कर ,
मोहब्बत ना कर,
प्यार के बीज।
मुझमें दफन ना कर।
मैं एक बंजर ज़मीन हु ।
काटें भी नहीं उगते ,
मेरे दामन में।
मैं प्यार के बीज लिए,
भटकता रहा संसार में ।
किसी दोस्त की तलाश में।
मैं एक बंजर ज़मीन हु ,
उम्मीद ना कर ,
मोहब्बत ना कर,
कुदरत भी खफा है मुझसे।
उठे थे कई हाथ दुआ में।
फिर भी ,
सैलाब मेरे ही, हिस्से आते है।
बहा ले गए वो, प्यार के बीज ।
मैं एक बंजर जमीन हूं
मुझे मिटा दिया जाए।
मुझे अब खत्म किया जाए।।
मुझे अब खत्म किया जाए।।
मैं एक बंजर जमीन हूं
©Niaz (Harf)
*प्यार के बीज*
मैं एक बंजर ज़मीन हु ,
उम्मीद ना कर ,
मोहब्बत ना कर,
प्यार के बीज।
मुझमें दफन ना कर।
मैं एक बंजर ज़मीन हु ।