हीर छन्द
आप मिले, फूल खिले, देख रहे नैन है ।
पास रहो, बात करो , आज बड़ा चैन है ।।
आप बनें ,साथ रहे , आप ही करार हो ।
आप बिना , नींद कहा , मेरे सरकार हो ।।
रंग उड़े, फाग चले , झूम रहा आज है ।
संग रहूँ , प्रेम करूँ, दिल पे तो राज है ।।
प्यास बुझे , आस जगे, दिल में मधुमास हो ।
देख पिया , आज जिया , छूता आकाश हो ।।
१३/०३/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर
©MAHENDRA SINGH PRAKHAR
हीर छन्द
आप मिले, फूल खिले, देख रहे नैन है ।
पास रहो, बात करो , आज बड़ा चैन है ।।
आप बनें ,साथ रहे , आप ही करार हो ।