मुझे नींद आती नही अब
किसी से प्यार का चक्कर नही है ये बता दूँ मैं
बस ज़िमेदारिया का कुछ असर हो रहा हैं
बेखबर था जान कर भी क्या पर करूँ सब टालने की आदत सी जो बन गयी थी
जानता था कि दस्तख तो होगी पर उनका इंतज़ार आखिर कार कब खत्म होगया पता ही न चला
बस लगता है अब बेअसर सा हो गया हूँ
मंज़िल पाने की कोशिश में रहो को भूल सा गया हूँ
कुछ होश सा खो बैठा हूँ मैं
अगर कुछ कर न सका तो खुद ही से रूट बैठूगा मै
नींदों से जिनता प्यार था मुझे उतना रहा नही अब
जो सोचा वो कर न पाया जो शायद बिखर जाऊँगा मै
जो राहो ने धोका दिया तो शायद फिर कभी उठ ही न पाऊँ में
नींद के आगोष में हमेशा के लिए सो जाओ मै
नींद के आगोष में हमेशा के लिए सो जाओ मै !
#World_Sleep_Day