ख्याल रहे सबको अपने हद का, फाजुल है गुमान करना कद | हिंदी शायरी

"ख्याल रहे सबको अपने हद का, फाजुल है गुमान करना कद का ।। कई किस्से कहानियों का दर्पण है, वजूद गांव के बूढ़े बरगद का ।। इमारत के नीव में कैसा पत्थर है , गवाही देता है उम्र गुम्बद का । सब बेचने लगेंगे खेल खिलौने , कौन ख्याल रखेगा सरहद का ।। ©BP YADAV ©🎡🍑WRITER'S CHOICE🍑🎡"

 ख्याल रहे सबको अपने हद का,
फाजुल है गुमान करना कद का ।।
कई किस्से कहानियों का दर्पण है,
वजूद गांव के बूढ़े बरगद का ।।
इमारत के नीव में कैसा पत्थर है ,
गवाही देता है उम्र गुम्बद का ।
सब बेचने लगेंगे खेल खिलौने ,
कौन ख्याल रखेगा सरहद का ।।
©BP YADAV

©🎡🍑WRITER'S CHOICE🍑🎡

ख्याल रहे सबको अपने हद का, फाजुल है गुमान करना कद का ।। कई किस्से कहानियों का दर्पण है, वजूद गांव के बूढ़े बरगद का ।। इमारत के नीव में कैसा पत्थर है , गवाही देता है उम्र गुम्बद का । सब बेचने लगेंगे खेल खिलौने , कौन ख्याल रखेगा सरहद का ।। ©BP YADAV ©🎡🍑WRITER'S CHOICE🍑🎡

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