"वैश्या- एक माँ"
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कल रात काम से घर लौटते वक़्त मेने कुछ लड़को को नवी मुम्बई के वाशी रेलवे स्टेशन पे एक वेश्या पर छींटाकशी करते देखा।
मेरा आप सब से हाथ जोड़कर निवेदन है के आप ऐसा ना करे वो भी इंसान होते है
मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता आप मेरे बारे में क्या सोचेंगे लेकिन मेरी भी एक दोस्त है जो वेश्या है या यूँ कह लो वो पहले से वेश्या थी फिर मेरी दोस्त बनी उसी वाशी के रेलवे स्टेशन पर करीब करीब 2010 में जब उसने मेरी मदद की थी,
हालाँकि तब मैं नहीं जनता था वो कौन है क्या करती है और अगर शायद उस समय जान जा