हमने अब बात बात पर मुस्कराना छोड़ दिया हर दोस्त रि | हिंदी कविता

"हमने अब बात बात पर मुस्कराना छोड़ दिया हर दोस्त रिश्तेदार के यहाँ आना जाना छोड़ दिया यहाँ किसी के पास भी हमारे मर्ज़ का इलाज नहीं इसलिए हमने भी अपना दर्द बताना छोड़ दिया किसी ने कहा था लोग हाथ मे मरहम नहीं नमक लिये फिरते हैं हमने भी ये सुनकर अपना ज़ख्म दिखाना छोड़ दिया कहते हैं हर खुशी के साथ साथ तकलीफें भी आती हैं छोटी छोटी बात पर अब खुश हो जाना छोड़ दिया ©Nitin sharma"

 हमने अब बात बात पर मुस्कराना छोड़ दिया
हर दोस्त रिश्तेदार के यहाँ आना जाना छोड़ दिया
यहाँ किसी के पास भी हमारे मर्ज़ का इलाज नहीं
इसलिए हमने भी अपना दर्द बताना छोड़ दिया

किसी ने कहा था लोग हाथ मे मरहम नहीं नमक लिये फिरते हैं
हमने भी ये सुनकर अपना ज़ख्म दिखाना छोड़ दिया
कहते हैं हर खुशी के साथ साथ तकलीफें भी आती हैं
छोटी छोटी बात पर अब खुश हो जाना छोड़ दिया

©Nitin sharma

हमने अब बात बात पर मुस्कराना छोड़ दिया हर दोस्त रिश्तेदार के यहाँ आना जाना छोड़ दिया यहाँ किसी के पास भी हमारे मर्ज़ का इलाज नहीं इसलिए हमने भी अपना दर्द बताना छोड़ दिया किसी ने कहा था लोग हाथ मे मरहम नहीं नमक लिये फिरते हैं हमने भी ये सुनकर अपना ज़ख्म दिखाना छोड़ दिया कहते हैं हर खुशी के साथ साथ तकलीफें भी आती हैं छोटी छोटी बात पर अब खुश हो जाना छोड़ दिया ©Nitin sharma

#बेचैन #हाल

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