White एक शेर से लड़ने को आए कितने गीदड़ थे
कितने ही मगरमच्छ और कितने ही अजगर थे
कितने ही सांप झपटने को फन अपना फैलाए थे
कितने ही कौए नोंच-नोंचकर खाने को इतराये थे।
गीदड़ के पंजों से कब तक शेर वार सह सकता है
मगरमच्छ के जबड़ों में पड़ा नहीं रह सकता है
अजगर की ऐंठन से खुदको स्वयं मुक्त कर सकता है
सांपों के डंकों को सहकर भी अकेले लड़ सकता है।
वो लड़ा अकेला, डरा नहीं, किंचित घायल हुआ भी
सब आ झपटे एक साथ तो लहुलुहान हुआ भी
पर वो कहते हैं ना शेर जंगल का राजा है
ऐसे ही न कहती दुनिया किसी को राजा है।
©Pankaj Bindas
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