White तन्हाई की रातें, खामोशियों का आलम, दिल की गहराइयों में बसा दर्द का मौसम।
चाँदनी रात में भी अंधेरा सा लगता है, खामोशी की आवाज़ से दिल घबराता है।
हर एक आहट में अब तेरी ही तस्वीर है, यादों की शमा से जलती दिल की तक़दीर है।
जज़्बातों की बारिश में भीगता ये दिल, तेरी तन्हाई का साथ है, यही मेरे क़िस्मत का सिलसिला है।
खुद से गुफ्तगू में बीत जाती हैं रातें, तेरे ख्यालों में खो जाता हूँ, जैसे मिलती हैं सौगातें।
आँखों में आँसू और दिल में सैलाब है, तन्हाई में बसा हुआ यह दर्द का हिसाब है।
हर एक लम्हा तेरे बिना अधूरा सा लगता है, जैसे बिना रूह का जिस्म होता है।
तेरी यादों का कारवां अब दिल में बस गया है, तन्हाई का ये सफर अब मेरा हमसफ़र बन गया है।
दर्द की तन्हाई में अब सुकून मिलता है, जब कोई नहीं होता, तब खुद से मिलना होता है।
दिल की बातें अब सिर्फ खामोशियों से होती हैं, हर धड़कन में अब तेरी ही यादें रोती हैं।
तन्हाई की रातें अब मेरी साथी हैं, तेरे बिना ये ज़िंदगी अधूरी सी लगती है।
©Nirankar Trivedi
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