अद्वितीय अमूल्य समय ,यूँ निकल गया इस जीवन का। सपन | हिंदी कविता

"अद्वितीय अमूल्य समय ,यूँ निकल गया इस जीवन का। सपनों की मीठी यादों में ,प्रवाह रुका इस जीवन का।। देखा मगर मै अपना न सका पढ़ा मगर न समझ सका । झूठे यादों से जुड़करके मोती खोया जीवन का।। प्रबाह रुका...... कवि सौरभ धर ©shiv putra"

 अद्वितीय अमूल्य  समय ,यूँ निकल गया इस जीवन का।
सपनों की मीठी यादों में ,प्रवाह रुका इस जीवन का।। 

देखा मगर मै अपना न सका पढ़ा मगर न समझ सका  । 
झूठे यादों से जुड़करके मोती खोया जीवन का।। 


               प्रबाह रुका...... 

कवि  सौरभ धर

©shiv putra

अद्वितीय अमूल्य समय ,यूँ निकल गया इस जीवन का। सपनों की मीठी यादों में ,प्रवाह रुका इस जीवन का।। देखा मगर मै अपना न सका पढ़ा मगर न समझ सका । झूठे यादों से जुड़करके मोती खोया जीवन का।। प्रबाह रुका...... कवि सौरभ धर ©shiv putra

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