जज़्बात रख लेकिन चुप खड़ा हूँ मैं सदाओं के भंवर म | हिंदी कविता Video

"जज़्बात रख लेकिन चुप खड़ा हूँ मैं सदाओं के भंवर में घिर पड़ा हूँ उसके घर का दरीचा पूछता कैसे भूलूं मैं सारा दिन यहाँ वहां फिरता रहा हूँ मुझे कब समेटेगा वो 'मोहसिन' मेरा मैं अंदर से टूटने लगा हुआ हूँ मुझे तरे सिवा सब लोग समझें मैं, युद से भी कम बोलने लगा हूँ सितारों के हादसे की इंतजार है मैं क़ब्रों पर चराग़ रोशन करने लगा हूँ ©SANAM.Raj "

जज़्बात रख लेकिन चुप खड़ा हूँ मैं सदाओं के भंवर में घिर पड़ा हूँ उसके घर का दरीचा पूछता कैसे भूलूं मैं सारा दिन यहाँ वहां फिरता रहा हूँ मुझे कब समेटेगा वो 'मोहसिन' मेरा मैं अंदर से टूटने लगा हुआ हूँ मुझे तरे सिवा सब लोग समझें मैं, युद से भी कम बोलने लगा हूँ सितारों के हादसे की इंतजार है मैं क़ब्रों पर चराग़ रोशन करने लगा हूँ ©SANAM.Raj

@jajbat liye

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