शक़्स
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मेरा अरमान है तू, मेरा भगवान भी तू इसके आगे अब मैं तुझसे और क्या कहूँ
दिल की धड़कन है तू, रूह की तड़पन भी तू मेरी हर साँस मैं तुझको अर्पण करूँ
मेरा दर्पण है तू, मेरी जुबाँ भी तू तेरे अल्फ़ाज़ सदा सर-आँखों पर रखूँ
मेरी पहचान है तू, मेरा वरदान भी तू तेरी मुस्कान से हमेशा मैं धन्वान रहूँ
मेरी दौलत है तू, मेरी शौहरत भी तू आबाद तू रहे ख़ुदा से इतनी मैं अरदास करूँ
मेरा हमराज़ है तू, मेरा हमसफ़र भी तू ता-उम्र मैं तेरे दिल की पनाह में रहूँ
मनीष राज
©Manish Raaj
#शक़्स