White जब महबूब बेवजाह ही रूठ जाते हैं, तब धीरे-ध | हिंदी शायरी

"White जब महबूब बेवजाह ही रूठ जाते हैं, तब धीरे-धीरे हमसे छूट जाते हैं, हम सोचा नहीं सकते थे कभी, इतनी मोहब्बत से किये वादे भी टूट जाते हैं।। ©atul_ki_orginal_shayari"

 White जब महबूब बेवजाह ही रूठ जाते हैं, 
 तब धीरे-धीरे हमसे छूट जाते हैं, 
 हम सोचा नहीं सकते थे कभी, 
इतनी मोहब्बत से किये वादे भी टूट जाते हैं।।

©atul_ki_orginal_shayari

White जब महबूब बेवजाह ही रूठ जाते हैं, तब धीरे-धीरे हमसे छूट जाते हैं, हम सोचा नहीं सकते थे कभी, इतनी मोहब्बत से किये वादे भी टूट जाते हैं।। ©atul_ki_orginal_shayari

#Sad_shayri #SAD 'दर्द भरी शायरी'

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