World Book Day हे मनुज तुम्हारी इंसानियत कब सामन

"World Book Day हे मनुज तुम्हारी इंसानियत कब सामने आयेगी , जब पृथ्वी काल के आगोश में समा जायेगी। मनुज तुम नर नही,नारायण नही निर्मम वीभत्स पक्षी हो, तुमने आज शिशु गज खाये ऎसा क्रूर नर भक्षी हो। अब तो शर्म करो मानस बात मानवता पर आयी है, बहुमूल्य तन कोई नहीं धरा पर सिर्फ़ तुमने ही पायी है। @bagh.."

 World Book Day  हे मनुज तुम्हारी इंसानियत 
कब सामने आयेगी ,
जब पृथ्वी काल के आगोश में
समा जायेगी।
मनुज तुम नर नही,नारायण नही
निर्मम वीभत्स पक्षी हो,
तुमने आज शिशु गज खाये
ऎसा क्रूर नर भक्षी हो।
अब तो शर्म करो मानस 
बात मानवता पर आयी है,
बहुमूल्य तन कोई नहीं
धरा पर सिर्फ़ तुमने ही पायी है।

        @bagh..

World Book Day हे मनुज तुम्हारी इंसानियत कब सामने आयेगी , जब पृथ्वी काल के आगोश में समा जायेगी। मनुज तुम नर नही,नारायण नही निर्मम वीभत्स पक्षी हो, तुमने आज शिशु गज खाये ऎसा क्रूर नर भक्षी हो। अब तो शर्म करो मानस बात मानवता पर आयी है, बहुमूल्य तन कोई नहीं धरा पर सिर्फ़ तुमने ही पायी है। @bagh..

#world_book_day agh

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