बस कहा जाए सहूलत से नहीं जी पाया.. मेरी नस्लों को | हिंदी Sad

"बस कहा जाए सहूलत से नहीं जी पाया.. मेरी नस्लों को मेरे दुख ना बताए जाए.... ©Syed Aatif Rizvii (poet)"

 बस कहा जाए सहूलत से नहीं जी पाया..

मेरी नस्लों को मेरे दुख ना बताए जाए....

©Syed Aatif Rizvii (poet)

बस कहा जाए सहूलत से नहीं जी पाया.. मेरी नस्लों को मेरे दुख ना बताए जाए.... ©Syed Aatif Rizvii (poet)

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