"एक पण्डित जी हवन करते समय एक चम्मच घी आग में और एक चम्मच घी अपने डिब्बे में डालते जा रहे थे, पास में बैठा पंडित जी का चेला चिल्ला कर बोला, "घृतम चोरम घृतम चोरम" पंडित जी चैले को चुप करते हुए बोले, "ना कर शोरम ना कर शोरम आधा तोरम और आधा मोरम" ओम स्वाह ओम स्वाह
©अकेला मानव
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