White ये ज़मी, ये आसमान,
ये खुशी, ये मुस्कान,
रोटी, कपड़ा और मकान
सबके हिस्से में नहीं आता ।
ये ऐतबार, ये प्यार ,
ये आंसू, ये इंतज़ार
सबके हिस्से में नहीं आता ।
ये मंज़िल , ये रास्ता,
ये सफर ,ये रात,ये शाम , ये सहर
हाथ पकड़ के चले, वो हमसफर
सबके हिस्से में नहीं आता ।
बेशक ये किसी कहानी
किसी किस्से में नहीं आता,
के ज़िंदगी मिलती है मगर
जीना सबके हिस्से में नहीं आता ।
©Ruchi Rathore
सबके हिस्से में नही आता...
#SAD
#Reality
#ruchikikalamse